बुधवार, 30 मई 2012








प्रणामांजलि
परम श्रद्धेय प्राचार्य प्रवर श्री योगेश्वर भारद्वाज जी को उनके सेवा-निवृत्ति के परम पावन अवसर पर विद्यालय के छात्रों की ओर से श्रद्धापूरित भाव-सुमन-सज्जित प्रणामांजलि !!!!!!!!!!!

गुरुवर को शत-शत है प्रणाम !
योगेश्वर की महिमा पाए, नयी किरण बन कर थे आए
कण-कण में भर देते प्राण, गुरुवर को शत-शत है प्रणाम !
संबल थे , सबके थे सहारा, प्रतिपल हाथों में था उजारा
करते थे सबका जो त्राण, गुरुवर को शत-शत है प्रणाम !
परिवर्तन की जोत जलाई, सत्-शिक्षण की रीति बताई
नवचेतन की छेड़ी तान, गुरुवर को शत-शत है प्रणाम !
अनुशासनप्रियता थी प्यारी, कार्यकुशलता थी अति न्यारी
जन-जन में भर दी थी जान, गुरुवर को शत-शत है प्रणाम !
मधुर भावपूरित मन प्यारा, सत्य, सहज जीवन अति न्यारा
अति कठोर होते जो भान, गुरुवर को शत-शत है प्रणाम !
परहित ही जिनका था नारा, स्वार्थ मुक्त जीवन का सहारा
कर्म-प्रेम का गाते गान, गुरुवर को शत-शत है प्रणाम !
हे दिव्य कर्म के सच्चे योगी, विगलित करुणा सबकी होगी
सत्य श्रेष्ठ हे पुरुष महान, गुरुवर को शत –शत है प्रणाम !
स्मृति के तारों से गूंथे, भाव-सुमन के हार अनूठे
श्रद्धा से अर्पण अभिराम, गुरुवर को शत-शत है प्रणाम ! 

रचयिता : डा.वी.आर.पाण्डेय (विजय शास्त्री)